| 21. | धर्म का प्रथम लक्षण है धृति:
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| 22. | धैर्य और धृति कमजोर पड जाती हैं।
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| 23. | न विमुंचति दुमेंधा धृति सा पार्थ तामसी।।
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| 24. | मनु ने धर्म के दस लक्षण बताये हैं: धृति क्षमा
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| 25. | धृति क्षमा दमो अस्तेयम्, शौचम् इन्द्रिय निग्रह
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| 26. | ‘‘ धी धृति स्मृति विभृष्ट: कर्मयत् कुरुते ऽशुभम्।
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| 27. | कलम की देवी धृति का भाव है ' अभिरुचि' ।
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| 28. | ` कीर्ति: श्रीर्वाक्च नारीणां स्मृतिर्मेधा धृति: क्षमा '
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| 29. | धृति शूरता तेजस्विता रण से न हटना धर्म है ||
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| 30. | धृति क्षमा दमोस्तेयं, शौचं इन्द्रियनिग्रहः ।
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