| 21. | निरखि बच्छ जनु धेनु लवाई ॥५॥ (
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| 22. | श्याम धेनु सँध्या के आते ही हुआ शाँत ”
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| 23. | वैतरणी धेनु: वैतरणी नदी को पार करने हेतु।
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| 24. | धेनु द्विज ऋषि मुनि सशंकित, अवतरण हो परसुधर का।
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| 25. | राम नाम कलि कामतरु, राम भगति सुर धेनु ।
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| 26. | बिप्र धेनु सुर संत हित लीन्ह मनुज अवतार.
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| 27. | धेनु दुहत अति ही रति बाढ़ी ।
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| 28. | हाथ ले लकुटि कमरिया धेनु चराते गये
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| 29. | धेनु अलंकृत काम दुहासी।। ' (मानस, 1/325/4) दहेज में दिया।
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| 30. | मोक्ष धेनु: सभी दोषों के निवारणार्थ व मोक्षार्थ।
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