वे श्रवणिक ध्वनिविज्ञान, सैद्धांतिक भाषाविज्ञान, शैलीविज्ञान, समाजभाषाविज्ञान, अनुवाद विज्ञान, भाषा शिक्षण और कंप्युटेशनल भाषाविज्ञान जैसे अनुप्रयुक्त भाषाविज्ञान के विविध विषयों को साथ लेकर आगे बढ़े।
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शिक्षाप्रातिशाख्य ग्रंथों में कदाचित् ध्वनिविज्ञान, शास्त्र आदि का जितना प्राचीन और वैज्ञानिक विवेचन भारत की संस्कृत भाषा में हुआ है-वह अतुलनीय और आश्चर्यकारी है।
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शिक्षाप्रातिशाख्य ग्रंथों में कदाचित् ध्वनिविज्ञान, शास्त्र आदि का जितना प्राचीन और वैज्ञानिक विवेचन भारत की संस्कृत भाषा में हुआ है-वह अतुलनीय और आश्चर्यकारी है।
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उनके लेख अक़ॉस्टिक ध्वनिविज्ञान, सैद्धांतिक भाषाविज्ञान, समाजभाषाविज्ञान, शैलीविज्ञान, अन्य भाषा शिक्षण, कंप्यूटेशनल लिंग्विस्टिक्स, प्रजनक स्वनिम विज्ञान तथा संकेत विज्ञान आदि से संबद्ध रहें।
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ध्वनिविज्ञान की कसौटी पर परिशुद्ध एक ऐसी भाषा को अपनाने से ही उनका लक्ष्य सिद्ध हो सकता है जिसके ध्वनिचिह्नों और शब्द-विन्यास में पूर्णरूपेण एकरूपता हो या कोई अन्तर न हो।
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उनके लेख अकॉस्टिक ध्वनिविज्ञान, सैद्धांतिक भाषाविज्ञान, समाजभाषाविज्ञान, शैलीविज्ञान, अन्य भाषा शिक्षण, साक्षरता, कंप्युटेशनल लिंग्विस्टिक्स, प्रजनक स्वनिम विज्ञान तथा संकेत विज्ञान से संबद्ध हैं.
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बच्चे के मस्किष्क में इस कारण भ्रम उत्पन्न हुआ कि चींटी के लिए रूसी शब्द मुरावेय (Muravey) था जव ध्वनिविज्ञान के अनुसार “ मोरेवियन ” के समरूप था.) बन जाएंगे.
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जिससे देवनागरी जैसी सरल सपाट और ध्वनिविज्ञान की कसौटी पर सर्वोत्तम सक्षम लिपि को भी चीनी, जापानी, कोरियाई (CJK), अरबी, फारसी जैसे क्लिष्ट लिपियों (complex scripts) के वर्ग में दर्ज होना पड़ा है।
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एक बात जो रही जा रही थी, वह यह कि वैदिक मँत्रों के उच्चारण में आरोह अवरोह और शब्दों का बिलँबित लोप का उपयोग, ध्वनिविज्ञान के नियमों द्वारा आपकी मनोस्थिति को प्रभावित करती है, सकारात्मक प्रेरणा देती है, यह सर्वमान्य सत्य है ।
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एक बात जो रही जा रही थी, वह यह कि वैदिक मँत्रों के उच्चारण में आरोह अवरोह और शब्दों का बिलँबित लोप का उपयोग, ध्वनिविज्ञान के नियमों द्वारा आपकी मनोस्थिति को प्रभावित करती है, सकारात्मक प्रेरणा देती है, यह सर्वमान्य सत्य है ।