तो भी रानी मार काट कर चलती बनी सैन्य के पार, किन्तु सामने नाला आया, था वह संकट विषम अपार, घोड़ा अड़ा, नया घोड़ा था, इतने में आ गये सवार, रानी एक, शत्रु बहुतेरे, होने लगे वार-पर-वार।
22.
तो भी रानी मार काट कर चलती बनी सैन्य के पार, किंतु सामने नाला आया, था वो संकट विषम अपार, घोड़ा अड़ा, नया घोड़ा था, इतने में आ गये आवार, रानी एक, शत्रु बहुतेरे, होने लगे वार-पर-वार.
23.
तो भी रानी मार काट कर चलती बनी सैन्य के पार, किन्तु सामने नाला आया, था वह संकट विषम अपार, घोड़ा अड़ा, नया घोड़ा था, इतने में आ गये अवार, रानी एक, शत्रु बहुतेरे, होने लगे वार-पर-वार।
24.
श्री हास्य कुत्ता वर्ष युवा बच्चा बच्चा बच्चों के चुटकुले चुटकुले बच्चों को कम शेर हँसते हँसते शिक्षकों आदमी निशान मेरे देशी पड़ोसियों नया घोड़ा पद भेड़ देखो तेज करने के लिए और पिता रो मजाक मजाक अद्भुत समय
25.
तो भी रानी मार काट कर चलती बनी सैन्य के पार, किन्तु सामने नाला आया, था वह संकट विषम अपार, घोड़ा अड़ा, नया घोड़ा था, इतने में आ गये अवार, रानी एक, शत्रु बहुतेरे, होने लगे वार-पर-वार।
26.
तो भी रानी मार-काटकर चलती बनी सैन्य के पार, किन्तु सामने नाला आया, था यह संकट विषम अपार, घोड़ा अड़ा, नया घोड़ा था, इतने में आ गये सवार, रानी एक शत्रु बहुतेरे, होने लगे वार पर वार, घायल होकर गिरी सिंहनी उसे वीर-गति पानी थी।
27.
सुभद्रा कुमारी चैहान का जिक्र इसलिए क्योंकि उनके द्वारा झांसी की रानी का कविता के रूप में बखान इतना मीठा और जीवंत है कि आज भी बच्चे, युवा, प्रोढ़ या उमर दराज लोग-”खूब लड़ी मर्दानी वो तो झांसी वाली रानी थी।” या “घोड़ा अड़ा नया घोड़ा था, इतने में आ गए सवार।” जैसी पंक्तियां गुनगुनाते मिल ही जाते हैं।
28.
तो भी रानी मार-काटकर चलती बनी सैन्य के पार किन्तु सामने नाला आया, था यह संकट विषम अपार घोड़ा अड़ा, नया घोड़ा था, इतने में आ गए सवार रानी एक, शत्रु बहुतेरे ; होने लगे वार-पर-वार घायल होकर गिरी सिंहनी, उसे वीरगति पानी थी बुंदेले हरबोलों के मुँह हमने सुनी कहानी थी खूब लड़ी मर्दानी वह तो झाँसी वाली रानी थी