नागरिक वर्ग इस बात को स्वीकार करता है कि संसद वैध है, क्योंकि इसे जनता द्वारा चुना गया है, लेकिन उसे इस बात का भरोसा नहीं है कि राजनीतिक व्यवस्था या सही मायनों में कार्यकारिणी भ्रष्टाचार के ख़िलाफ कोई क़दम उठाएगी.
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उनके आन्दोलन का केन्द्र हिन्दु धर्म की वे तमाम कुरीतिया और परम्पराये रहीं जो ब्राह्मणवाद की सदियो से पोषक रही है और जिसके कारण ही देश के बहुसंख्यक नागरिक वर्ग को शिक्षा समेत सभी मानवाधिकारों से सदियों तक वंचित रहना पड़ा।
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ऐतिहासिक दृष्टि से अधिकांश राज्य नागरिकता को अपनी आबादी तक ही सीमित रकहते हैं, इसके द्वारा वे नागरिक वर्ग को राजनैतिक अधिकार देते हैं, जिन्हें आबादी के अन्य वर्गों से बेहतर माना जाता है, लेकिन वे एक दूसरे के सामान होते हैं.
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ऐतिहासिक दृष्टि से अधिकांश राज्य नागरिकता को अपनी आबादी तक ही सीमित रकहते हैं, इसके द्वारा वे नागरिक वर्ग को राजनैतिक अधिकार देते हैं, जिन्हें आबादी के अन्य वर्गों से बेहतर माना जाता है, लेकिन वे एक दूसरे के सामान होते हैं.सीमित नागरिकता का एक उदाहरण एथेंस है जहां गुलाम, महिलाएं और आवासी विदेशियों (जो मेटिक कहलाते हैं)
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ऐतिहासिक दृष्टि से अधिकांश राज्य नागरिकता को अपनी आबादी तक ही सीमित रकहते हैं, इसके द्वारा वे नागरिक वर्ग को राजनैतिक अधिकार देते हैं, जिन्हें आबादी के अन्य वर्गों से बेहतर माना जाता है, लेकिन वे एक दूसरे के सामान होते हैं.सीमित नागरिकता का एक उदाहरण एथेंस है जहां गुलाम, महिलाएं और आवासी विदेशियों (जो मेटिक कहलाते हैं)
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लोकतंत्र शिक्षित नागरिक वर्ग तथा ऐसे सूचना की पारदर्शिता की अपेक्षा करता है, जो उसके कार्यकरण तथा भ्रष्टाचार को रोकने के लिए भी हो, और सरकारों तथा उनके परिकरनो को शासन के प्रति उत्तरदायी बनाने के लिए भी अनिवार्य हो, सूचना के अधिकार के तहत कोई भी व्यक्ति सम्बंधित सूचना उस विभाग से प्राप्त कर सकता है, जिसमें निर्धारित शुल्क प्राप्तकर्ता को देना होगा, किन्तु संवेदनशील व गोपनीय सूचना उपलब्ध नहीं हो सकेंगी।
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आम नागरिक को उसके दायित्व का यह बोध कराने के लिए कहा जा सकता है कि अपनी निर्विवाद सफलता के लिए लोक-तन्त्र अपने सम्पूर्ण घटकों में शिक्षित नागरिक वर्ग तथा शासन-तन्त्र से सम्बन्धित प्रत्येक प्रत्यक्ष अथवा परोक्ष पक्ष की ऐसी जानकारी की सम्पूर्ण पारदर्शिता की अपेक्षा करता है जो समस्त कार्य-कलापों के साथ ही सत्ता में आत्मविहित भ्रष्टोन्मुखी लिप्सा को रोकने के लिए सरकारों तथा उनके विभिन्न उपकरणों को शासन के प्रति पूरी तरह से उत्तरदायी बनाने के लिए अनिवार्य है।