राहुल गांधी द्वारा संबोधित एक सभा में आज उस समय नाटकीय स्थिति उत्पन्न हो गई जब एक सरपंच ने राज्य की उमर अब्दुल्ला नीत सरकार पर पंचायत अधिकारियों के लिए कुछ भी नहीं करने का आरोप लगाया जबकि कांग्रेस उपाध्यक्ष ने जमीनी स्तरों पर काम करने वाले संस्थानों को अधिकार संपन्न बनाने की जोरदार वकालत की।
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घोर विस्मय! ऑंखें मल-मल कर अपने को चिकोटी काटने की नाटकीय स्थिति.... कहना न होगा कि-यहाँ थैला-बटुवा-लस्त पस्त चाल वाली तुच्छ छवि की प्रेत छाया से मुक्त कर वह ' उपभोक्ता ' को अहम्मन्य नशीलीर् कत्ता छवि में अवतरित करता है जहाँ साधन से उत्पादन तक, विज्ञापन से वितरण तक केन्द्र में बस वही है ।