जैसे नाम किसी शरणार्थी का टांग दिया हो मेरी कथा के द्वार पर शीर्षक की तरह वे आते हैं मेरे पास अपने सुख को कपड़ों के सबसे अन्दरूनी अस्तर मे अछूता रखकर मेरे दुख, भूख या बिस्तर कम्बल के बारे में पूछते हुए लौटते हुए वे नामपट्टिका को हिलाते हैं जैसे मन्दिर से निकलते हुए घण्टी …
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तीर्थयात्रा से लौटकर दुबारा कामकाज सम्हालने को जब मैने ऑफिस में प्रवेश किया तो पाया कि नये बॉस ने कदम रखते ही यहाँ रंग-रोगन लगवाकर, गमले रखवाकर, सुनहले अक्षरों में नामपट्टिका लगवाकर और ‘फेसलिफ्ट' के दूसरे तमाम उपायों द्वारा यह संकेत दे दिया है कि अब हमारा कोषागार किसी कॉर्पोरेट ऑफिस की तरह ही चाकचौबन्द और समय की पाबन्दी से काम करेगा।
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तीर्थयात्रा से लौटकर दुबारा कामकाज सम्हालने को जब मैने ऑफिस में प्रवेश किया तो पाया कि नये बॉस ने कदम रखते ही यहाँ रंग-रोगन लगवाकर, गमले रखवाकर, सुनहले अक्षरों में नामपट्टिका लगवाकर और ‘ फेसलिफ्ट ' के दूसरे तमाम उपायों द्वारा यह संकेत दे दिया है कि अब हमारा कोषागार किसी कॉर्पोरेट ऑफिस की तरह ही चाकचौबन्द और समय की पाबन्दी से काम करेगा।