सर्वोच्च न्यायालय जब फैसला सुना चुका था औरबिल्कुल साफ शब्दों में कह चुका था कि बांध कीऊंचाई 189 मीटर से अधिक नहीं की जा सकती है तो फिर आखिर सरकार ने ऊंचाई बढ़ा कर 193 मीटरतक ले जाने का फैसला कैसे कर लिया? क्या उसनेसोचा कि यह सर्वोच्च न्यायालय के आदेश काउल्लंघन होगा? आखिर उसने यह विचार कर नामुनासिब क्यों नहीं समझा कि चार मीटर और ऊंचा करने से जो नए इलाके डूब क्षेत्र में आ जाएंगे, वहां रहने वाले फिर कहां जाएंगे? सरकार ने सोचा होगा किउन्हें मुआवजा देकर चलता कर दिया जाएगा।