यदि प्रकाश के दो स्वतंत्र स्रोत, जिनसे समान परिमाण और अभिन्न कला की तरंगें सतत नि:सृत हों, एक दूसरे के सन्निकट रखे जाएँ, तो माध्यम के आसपास ऊर्जा का वितरण समांग नहीं होता, जहाँ एक प्रकाशतरंग का शृंग दूसरे प्रकाशतरंग के शृंग (crest) पर, या एक का तरंगगर्त (trough) दूसरे के तरंगगर्त पर गिरता है, वहाँ आयाम (amplitude) बढ़ जाता है और आयाम स्वरूप ऊर्जा या प्रकाश की तीव्रता भी बढ़ जाती है।