| 21. | ब्रह्म जगत् का निमित्त कारण शरीर और उपादान कारण दोनों है।
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| 22. | उनके उत्थान पतन का निमित्त कारण दूसरे ही बने रहते हैं।
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| 23. | रघुनंदन! ब्रह्मा प्रभृति सभी प्राणियों की निमित्त कारण वही हैं।
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| 24. | यह जगत् कार्य है अतः इसका निमित्त कारण अवश्य होना चाहिए.
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| 25. | व्याख्या हो जाती है, उद्देश्य रखनेवाले किसी निमित्त कारण को मानने की
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| 26. | न्यायमत में ईश्वर जगत का निमित्त कारण है, उपादान कारण नहीं।
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| 27. | परमात्मा उसका अधिष्ठान है-इस अधिष्ठातृत्व को निमित्त कारण कहा जा सकता है।
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| 28. | ब्रह्म को जगत् के उत्पत्ति, स्थिति तथा प्रलय का निमित्त कारण बताए हैं।
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| 29. | निम्बार्क के मत में ब्रह्म जगत का उपादान कारण और निमित्त कारण है।
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| 30. | इनके अनुसार सृष्टि रचना में परमाणु उपादान कारण और ईश्वर निमित्त कारण है।
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