| 21. | समस्त तारों को 10 पारसेक की दूरी पर कल्पित करके ज्ञात किए गए कांतिमान को निरपेक्ष कांतिमान कहते हैं।
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| 22. | इसकी सहायता से सेफिइड तारों का निरपेक्ष कांतिमान जानकर पूर्व सूत्र द्वारा इनकी दूरी ज्ञात की जा सकती है।
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| 23. | आर आर लाइरा वर्ग के तारों में आवर्तनकाल के बढ़ने पर पर भी उनके निरपेक्ष कांतिमान में अंतर नहीं पड़ता।
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| 24. | खगोलशास्त्र में तारों की सापेक्ष कांतिमान और निरपेक्ष कांतिमान को मापा जाता है, लेकिन यह माप अनुमानित ही होता है।
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| 25. | खगोलशास्त्र में तारों की सापेक्ष कांतिमान और निरपेक्ष कांतिमान को मापा जाता है, लेकिन यह माप अनुमानित ही होता है।
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| 26. | आर आर लाइरा वर्ग के तारों में आवर्तनकाल के बढ़ने पर पर भी उनके निरपेक्ष कांतिमान में अंतर नहीं पड़ता।
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| 27. | यदि हमें तारे का दृश्य कांतिमान ज्ञात हो तथा उसकी दूरी ज्ञात हो तो हम निम्नलिखित सूत्र से निरपेक्ष कांतिमान जान सकते हैं:
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| 28. | यदि हमें तारे का दृश्य कांतिमान ज्ञात हो तथा उसकी दूरी ज्ञात हो तो हम निम्नलिखित सूत्र से निरपेक्ष कांतिमान जान सकते हैं:
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| 29. | इसका अर्थ है कि सेफिइड तारों के आवर्तन काल में जैसे जैसे वृद्धि होती है वैसे वैसे उनके निरपेक्ष कांतिमान में वृद्धि होती जाती है।
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| 30. | इसका अर्थ है कि सेफिइड तारों के आवर्तन काल में जैसे जैसे वृद्धि होती है वैसे वैसे उनके निरपेक्ष कांतिमान में वृद्धि होती जाती है।
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