अजेय पश्चिमी घाट के घने जंगलों को परशु के प्रयोग से मानव निवास योग्य बनाकर बस्तियाँ बसाने की बात हो या पूर्वोत्तर में अटल हिमालय की चट्टानें काटकर ब्रह्मपुत्र की दिशा बदलने की बात हो, भगवान परशुराम जनसेवा के लिए जीवन समर्पण करने का ज्वलंत उदाहरण हैं।
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अजेय पश्चिमी घाट के घने जंगलों को परशु के प्रयोग से मानव निवास योग्य बनाकर बस्तियाँ बसाने की बात हो या पूर्वोत्तर में अटल हिमालय की चट्टानें काटकर ब्रह्मपुत्र की दिशा बदलने की बात हो, भगवान परशुराम जनसेवा के लिए जीवन समर्पण करने का ज्वलंत उदाहरण हैं।
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' इसका आशय यही है कि ' कृपासागर, इस प्रकार वेद, न्याय, तर्क आदि के रूप में हमने झरने का जल इस ग्रंथ में प्रस्तुत किया है और उससे उन नास्तिकों के मलिन हृदयों को अच्छी तरह धो दिया भी है, ताकि वे आपके निवास योग्य बन जाएँ।
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क्योंकि गृह-मालिक की मृत्यु के उपरान्त, उनके पुत्रों के लिये वह मुख्य द्वार निवास योग्य रहेगा क् या? तब उनके पुत्रों के लिये उस मुख्य द्वार को तोड़ कर, उनकी राशि व नक्षत्र के अनुसार दिशा में द्वार बनवाना पड़ेगा, क्योंकि पुत्रों की राशि व नक्षत्र भिन्न होगी।