| 21. | अतीत कोई निष्पन्न या कम्प्लीट, अपरिवर्तनीय तत्व नहीं है।
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| 22. | इत्-इण् धातु से गमनार्थ मे निष्पन्न पद है।
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| 23. | सुखात्मक भावों से निष्पन्न हास्य, वीर और अद्भुत रसों के
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| 24. | मन से ही लौकिक और भौतिक, लक्ष्य सब निष्पन्न हैं।
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| 25. | हमारे यहाँ रस निष्पन्न करनेवाली पूर्ण भावपद्धाति में ये सब अवयव
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| 26. | व्रत शब्द वृ (धातु) में अतच् प्रत्यय जोड़कर निष्पन्न हुआ है।
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| 27. | हर वस्तु स्वयं से अपने वातावरण को निष्पन्न करता ही है।
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| 28. | ऐसी दशा के अतिरिक्त और कुछ निष्पन्न नहीं हो सकता ।
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| 29. | ऐसा करने से रस के निष्पन्न होने में बाधा पड़ती है।
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| 30. | दु: खात्मक भावों से निष्पन्न करुण, रौद्र, भयानक और बीभत्स रसों के
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