9) अहंकारवश नीच व्यक्ति द्वारा उच्चजाति पर थूकने पर राजा को उसके होंठ, पेशाब करने पर लिंग एवं हवा छोड़ने पर गुदा कटवा देना चाहिए।
22.
व्यक्ति एक विद्या विनय संपन्न ब्राह्मण को, गाय को, हाथी को, कुत्ते को और एक नीच व्यक्ति को, इन सभी को समान दृष्टि से देखता है।
23.
का मेघ गरजे बगैर बरसता है| इसी प्रकार नीच व्यक्ति आश्वासन देकर चुप रह जाता है और सज्जन व्यक्ति कहे बिना उत्तम कार्य करके दिखाता है|
24.
नीच व्यक्ति जब दुसरे की सम्पति को देखता है तो उसे अपनी मृत्यु समझता है, इसलिए ऐसा निकृष्ट व्यक्ति मन में जल-जल कर बहुत दुखी होता है |
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9) अहंकारवश नीच व्यक्ति द्वारा उच्चजाति पर थूकने पर राजा को उसके होंठ, पेशाब करने पर लिंग एवं हवा छोड़ने पर गुदा कटवा देना चाहिए।
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भावार्थ-कविवर रहीम के मतानुसार नीच व्यक्ति की संगत या विचार करने से आदमी को नित नये संकटों का सामना करना के साथ ही मानसिक संताप भी झेलना पड़ता है।
27.
समाज और मनुष्यों के स्वभाव का अध्ययन करके उन्होंने यह जान लिया था कि भले लोग अपने बारे में विज्ञापन करते नहीं घूमते, जबकि बढ़चढ़कर आत्मश्लाघा करना नीच व्यक्ति की पहचान है।
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समाज और मनुष्यों के स्वभाव का अध्ययन करके उन्होंने यह जान लिया था कि भले लोग अपने बारे में विज्ञापन करते नहीं घूमते, जबकि बढ़चढ़कर आत्मश्लाघा करना नीच व्यक्ति की पहचान है।
29.
कुटिल और नीच व्यक्ति अपनी कुटिलता और नीचता कभी नही छोड़ सकते, जबकि हे राजिया! उत्तम कोटि के व्यक्ति चाहे रुष्ट हो या तुष्ट, वे हमेशा दूसरो का भला ही करेंगे |
30.
उसने भले व्यक्ति से कहाः हे महान व्यक्ति एक नीच व्यक्ति के दस दिरहम का में ऋणी हूं किन्तु उस घटिया व्यक्ति ने मेरा जीना दूभर कर दिया है हर दिन मेरे घर आता है चिल्लाता है और पैसे मांगता है।