| 21. | इस बीमारी में नेत्र गोलक के श्वेत हिस्से को ढँककर रखने वाली झिल्ली (कंजक्टिवा) तथा पलकों में तेज जलन होती है।
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| 22. | इस बीमारी में नेत्र गोलक के श्वेत हिस्से को ढँककर रखने वाली झिल्ली (कंजक्टिवा) तथा पलकों में तेज जलन होती है।
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| 23. | कार्य करेंगे तथा एक बकरी की आन्त से एक पांच रुपये का सिक्का निकालने के लिये बकरी के नेत्र गोलक को दबाने जैसा वीभत्स कार्य करेेंगे।
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| 24. | मैक्यूला ल्यूटिया के नाक वाले भाग की ओर लगभग 3 मिलीलीटर की दूरी से ऑप्टिक तन्त्रिका (optic nerve) नेत्र गोलक से बाहर निकलती है।
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| 25. | आंख की संरचना (Structure of the eye)-नेत्र गोलक (eyeball) की भित्ति का निर्माण ऊतकों की तीन परतों से मिलकर हुआ होता है-
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| 26. | आँख की बनावट कैसी होती ह ै आँख का बाहरी आवरण स्क्लेरा तथा कोर्निया का बना होता है, यह नेत्र गोलक को दोनों ओर से ढँकता है।
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| 27. | ऐसा अधिकतर नेत्र गोलक के अत्यधिक दूर होने के कारण होता है, परन्तु ऐसा कभी-कभी नेत्र की लेंस प्रणाली की अत्यधिक शक्ति के कारण भी ऐसा होता है।
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| 28. | कनजंक्टाइवा एक पतली पारदर्शन म्यूकस मेम्ब्रेन है जो पलकों के आंतरिक भाग को आस्तरित करती है तथा पलट कर नेत्र गोलक की ऊपर आकर सतह को आच्छादित करती है।
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| 29. | कनजंक्टाइवा एक पतली पारदर्शन म्यूकस मेम्ब्रेन है जो पलकों के आंतरिक भाग को आस्तरित करती है तथा पलट कर नेत्र गोलक की ऊपर आकर सतह को आच्छादित करती है।
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| 30. | इसके लक्षण हैं-* दृष्टिदोष, अक्षरों का मिला-जुला दिखना * भारीपन, नेत्र गोलक (आई बॉल) में दर्द उपचार: इस हेतु चश्मे का उपयोग आवश्यक है।
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