(२) प्रत्येक व्यक्ति को किसी भी ऐसी वैज्ञानिक साहित्यिक या कलात्मक कृति से उत्पन्न नैतिक और आर्थिक हितों की रक्षा का अधिकार है जिसका रचयिता वह स्वयं है ।
22.
गाँधी ने अपने अंतिम वसीयतनामे में कहा था, ”शहरों-कस्बों से भिन्न उनके सात लाख गाँवों की दृष्टि से हिंदुस्तान की सामाजिक, नैतिक और आर्थिक आज़ादी हासिल करना अभी बाकी है।
23.
आबू धाबी सुप्रीम फेडरल कोर्ट ने कंपनी को प्रसाद के स्वास्थ्य, नैतिक और आर्थिक नुकसान का दोषी माना और उन्हें डेढ़ करोड़ रूपये मुआवजे के तौर पर देने का आदेश दिया।
24.
(च) बालकों को स्वतंत्र और गरिमामय वातावरण में स्वस्थ विकास के अवसर और सुविधाएं दी जाए और बालकों और अल्पवय व्यक्तियों की शोषण से तथा नैतिक और आर्थिक परित्याग से रक्षा की जाए।
25.
च-बालकों को स्वतंत्र और गरिमामय वातावरण में स्वस्थ विकास के अवसर और सुविधाएं दी जांए ओर बालको तथा अल्पवय व्यक्तियों की शोषण से तथा नैतिक और आर्थिक परित्याग से रक्षा की जाये ।
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(च) बालकों को स्वतंत्र और गरिमामय वातावरण में स्वस्थ विकास के अवसर और सुविधाएं दी जाए और बालकों और अल्पवय व्यक्तियों की शोषण से तथा नैतिक और आर्थिक परित्याग से रक्षा की जाए।
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या इस तरह का प्रयास वे अपने प्रयत्नों से या किसी को प्रेरित करके शुरू करवा सकते हैं और इस तरह के प्रयास को वे अपना नैतिक और आर्थिक सहयोग तो दे ही सकते हैं।
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या इस तरह का प्रयास वे अपने प्रयत्नों से या किसी को प्रेरित करके शुरू करवा सकते हैं और इस तरह के प्रयास को वे अपना नैतिक और आर्थिक सहयोग तो दे ही सकते हैं।
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महात्मा गांधी ने 15 अगस्त 1947 को मिली आजादी पर कहा था कि जहां तक देश के सात लाख गांवों का सवाल है अभी भारत को सामाजिक, नैतिक और आर्थिक आजादी मिलनी बाकी है।
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(च) बालकों को स्वतंत्र और गरिमामय वातावरण में स्वस्थ विकास के अवसर और सुविधाएं दी जाए और बालकों और अल्पवय व्यक्तियों की शोषण से तथा नैतिक और आर्थिक परित्याग से रक्षा की जाए ।