जबकि वलीउल्ला पर लगाए गए सभी आरोप झूठे साबित हुए और उस पर मात्र आर्म्स एक्ट का मुकदमा है, ‘ न्यायालय की भाषा में सुबूत के अभाव में ' ।
22.
जब कभी उच्च न्यायालय में कोई अपील जाती है, तब इस कारण कि उच्च न्यायालय की भाषा अँगरेजी है, उस मुकदमे की पूरी कार्यवाही का उल्था अँगरेजी में करना पड़ता है।
23.
उच्च न्यायालय तथा उच्चतम न्यायालय की भाषा अंग्रेजी होगी किन्तु राष्ट्रपति या राज्यपाल की पूर्ण सम्मति से हिन्दी अथवा उस राज्य की भाषा का प्रयोग उच्च न्यायालय की कार्यवाही के लिये प्राधिकृत किया जा सकेगा।
24.
विश्व के सबसे बड़े जनतंत्र में न्यायपालिका की भूमिका हमेशा से उल्लेखनीय और प्रशंसनीय रही है परन्तु यह भी एक तथ्य है कि आम जनता को सामान्यतया उच्च न्यायालय की भाषा हमेशा अपरिचित और अबूझी लगती रही है।
25.
इस रिपोर्ट में आयोग ने सर्वोच्च न्यायालय, उच्च न्यायालय, तथा अधीन न्यायालय, न्याय में क्लिंब, वादनिर्णय, डिक्री निष्पादन, शासन के विरुद्ध वाद, न्यायालय शुल्क, विधिशिक्षा, वकील, विधिसहायता, विधि रिपोर्ट, एवं न्यायालय की भाषा आदि महत्वपूर्ण विषयों पर मत प्रगट किए।
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इस रिपोर्ट में आयोग ने सर्वोच्च न्यायालय, उच्च न्यायालय, तथा अधीन न्यायालय, न्याय में क्लिंब, वादनिर्णय, डिक्री निष्पादन, शासन के विरुद्ध वाद, न्यायालय शुल्क, विधिशिक्षा, वकील, विधिसहायता, विधि रिपोर्ट, एवं न्यायालय की भाषा आदि महत्वपूर्ण विषयों पर मत प्रगट किए।
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हालांकि भारतीय कानून में अभी इसकी इजाजत नहीं है, पर अमेरिका में न्यायालय ऐसे मामलों में ‘तलाक भत्ता सिद्धांत' संस्कृत भाषा में नहीं दाखिल हो सकती याचिका: हाईकोर्ट इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने कहा है कि संस्कृत न्यायालय की भाषा नहीं है।
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टेलीविजन के माध्यम से देश के अधिकतर घरों में हिन्दी के प्रवेश के बावजूद इसे उच्चतम न्यायालय और उच्च न्यायालय की भाषा नहीं बनाया जा सका है और विधि आयोग के इंकार के बावजूद इस भेदभाव के खिलाफ दिल्ली के वकीलों के एक समूह ने हिन्दी में बहस करने के विकल्प हेतु अभियान शुरू किया है।
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टेलीविजन के माध्यम से देश के अधिकतर घरों में हिन्दी के प्रवेश के बावजूद इसे उच्चतम न्यायालय और उच्च न्यायालय की भाषा नहीं बनाया जा सका है और विधि आयोग के इंकार के बावजूद इस भेदभाव के खिलाफ दिल्ली के वकीलों के एक समूह ने हिन्दी में बहस करने के विकल्प हेतु अभियान शुरू किया है।
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1 / आजादी के बाद ही हमें हिंदी को राष्ट्रभाषा, सरकारी कामकाज व न्यायालय की भाषा अनिवार्य रुप से घोषित कर देनी थी, पर अंग्रेज एवं भारत के अंग्रेजी पूजकों के बीच हुए समझौते ने और उसके बाद सत्ता पर बैठे अंग्रेजी समर्थकों ने भारत की आजादी को गुलामी का एक नया रुप दे दिया।