| 21. | सादा माखन संग मक्की की रोटी बसंती स्वाद पीत पराग हर पंखुडी पीली बसंत आयो
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| 22. | सुगंध तो फुल की हर पंखुडी के कण कण में समान रुप से व्याप्त है ।
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| 23. | छुई मुई का पौधा छूते ही डंठल से लटकी पंखुडी समेत लेता है. क्यों?
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| 24. | बसंती हाइकु सादा माखन संग मक्की की रोटी बसंती स्वाद पीत पराग हर पंखुडी पीली बसंत आयो
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| 25. | लब है के पंखुडी गुलाब की सी है, होठों की कलियाँ है तबस्सुम से भरी.
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| 26. | अनंता, बाल साहित्य समीक्षा, वात्सल्य जगत, जगमग दीप ज्योति, प्रज्ञा, पंखुडी,
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| 27. | तुमने मुझको गलत तराशा हैमैं गुलाब की पंखुडी होताया कि ताज के संगमरमर का टुकडा कोईया कि बादल..
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| 28. | रूनू खाला ने शोभा, झुनू खाला ने पांपड़ी (पंखुडी) नाम रखने के लिये कहा ।
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| 29. | ' होंठ हैं या पंखुडी गुलाब की-आजकल बाजार में कई रंगों के लिप ग्लॉस उपलब्ध हैं।
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| 30. | का बाह्य वोर्ल; आदर्श रूप में ये हरे होते हैं, पर कुछ नस्लों में पंखुडी रूपी भी होते हैं.
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