| 21. | इसके अतिरिक्त भी पंडितराज के संबंध में अनेक जनश्रुतियाँ पंडितों में प्रचलित हैं।
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| 22. | इसके अतिरिक्त भी पंडितराज के संबंध में अनेक जनश्रुतियाँ पंडितों में प्रचलित हैं।
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| 23. | पंडितराज जगन्नाथ बेंगिनाटीय कुलोद्भव तैलंग ब्राह्मण, गोदावरी जिलांतर्गत मुंगुडु ग्राम के निवासी थे।
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| 24. | पंडितराज जगन्नाथ बेंगिनाटीय कुलोद्भव तैलंग ब्राह्मण, गोदावरी जिलांतर्गत मुंगुडु ग्राम के निवासी थे।
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| 25. | कविता की इसी रमाने वाली शक्ति को देखकर जगन्नाथ पंडितराज ने रमणीयता का
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| 26. | रस गंगाधर ग्रंथ में पंडितराज जगन्नाथ ने कहा है-' रमणीयार्थ प्रतिपादक शद्व काव्यं।
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| 27. | 17 वीं सदी के सबसे बड़े संस्कृत काव्यशास्त्री पंडितराज जगन्नाथ औरंगजेब के दरबारी थे.
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| 28. | इस विवाद का ध्यान रखते हुए पंडितराज ने कहा कि काव्य शब्द में होता है।
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| 29. | रह गया कि क्या वाल्मीकि से लेकर पंडितराज जगन्नाथ तक कोई एक भी ऐसा कवि
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| 30. | पंडितराज न अपने पांडित्य और कवित्व के विषय में जो गर्वोक्तियाँ की हैं वे साधार हैं।
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