यदि उस श् लोक में ' भूमिहार्यभवत ' ऐसा लिखा हुआ है तो आपने भूमिहारी अभवत ऐसा पदच्छेद न कर के भूमिहार: अभवत ऐसा पदच्छेद किस व्याकरण की रीति से किया है?
22.
एक आम वेब पन्ने की बात करें तो, वेब ब्राउजर सबसे पहले उस पन्ने के एच. टी. एम. एल. टेक्स्ट के लिए अनुरोध करता है और तुंरत ही उसका पदच्छेद कर देता है।
23.
और विद्यार्थियों को कहने लगे कि मुझे तो तुम्हारे जैसे अष्टाध्यायी के भक्तों की जरूरत है, चाहे तुम्हें पदच्छेद नहीं आया, तुम लोग रुके नहीं, सूत्र को किसी प्रकार रट ही लिया, तो यह भी कम महत्त्व की बात नहीं ।”
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ZEAL प्रति: भूल-सुधार देखें श्रीमत्-भगवत्-गीता (http://gitapress.org/BOOKS/GITA/18/18_Gita.pdf) अध्याय (श्लोक): 14 (18): १ ४ (१ ८) अधोगच्छति का शब्दार्थ अधोगति से है | हिंदी में इसका ' अर्थात ' द्वारा रूपांतर गीता-प्रेस की श्रीमत्-भगवत्-गीता में क्षमितव्य जड़तावश हो गया है | कृपया संस्कृत का श्लोक पढ़े | पदच्छेद अन्वय वाली किताब सहायक है | ' अर्थात ' द्वारा भूल [दूसरे शास्त्रों के प्रभाव में आकर] हो जाना आम बात है | आप उदारचित्त, तीव्र पुरुषार्थी, सर्व सत्कारी Philanthropist हैं | ॐ शांति |