यहां ये कहा जा सकता है कि अगर विकिरण उपरोक्त ताप पर होता तो हो सकता है कभी न कभी ब्रह्माण्ड के प्रसार द्वारा घट कर 3 डिग्री परम ताप पर पहुंच जाता, जैसा कि वर्तमान में है।
22.
यदि विलयन में विद्युत् से आवेशित कण नहीं है, तो D का संबंध कणों की गतिशीलता (mobility) B से है और तब D=k T B जहाँ k बोल्ट्समॉन का (Boltzmann's) स्थिरांक, T परम ताप और B कणों की गतिशीलता है।
23.
-यह विचार-तत्व ही श्रेष्ठतम इच्छा रूप में ईश्वर (इष = इच्छा + वर = श्रेष्ठ-> ईश्वर) का रूप लेती है | प्रत्येक परम-भाव (अथा परम ताप, परमार्थ) में परमात्मा का. इसलिए कहा है...
24.
इस सूत्र में m कण की संहति, n एक घन सम में कणों की संख्या, h प्लैंक नियतांक, k बोल्ट्जमैन नियतांक, T समुदाय परम ताप और g को हम भारगुणक कहते हैं जिसका मूल्य इलेक्ट्रान के लिए दो और मेसान के लिए तीन है।
25.
इस सूत्र में m= कण की संहति, n= एक घन सम में कणों की संख्या, h= प्लैंक नियतांक, k= बोल्ट्जमैन नियतांक, T= समुदाय का परम ताप और g को हम भारगुणक कहते हैं जिसका मूल्य इलेक्ट्रान के लिए दो और मेसान के लिए तीन है।
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जस्ता (Zn), एलुमिनियम (Al), टिन (Sn) परम शून्य ताप के नीचे अतिचालकता प्रकट करते हैं जबकि समान्यतया प्रयुक्त चालक धातुएं ताम्बा (कापर Cu) और चाँदी (सिल्वर Ag) परम ताप से नीचे ठंडा करने पर भी प्रतिरोधकता प्रकट करते हैं शून्य प्रतिरोध नहीं होते हैं.