| 21. | आप तो परा विद्या हैं, सब कामनाओं को पूर्ण करने वाली-मोक्ष प्रदान करने वाली हैं ।।
|
| 22. | (1) परा विद्या (श्रेष्ठ ज्ञान) जिसके द्वारा अविनाशी ब्राह्मतत्व का ज्ञान प्राप्त होता है (सा परा, यदा तदक्षरमधिगम्यते),
|
| 23. | इस उपनिषद के प्रथम तीन प्रश्न अपरा विद्या से संबंधित हैं व अन्य तीन परा विद्या संबंधी हैं.
|
| 24. | अविद्याग्रसत जीवन से मुक्ति पाने के लिए एवं अपने रूप का साक्षात्कार करने के लिए परा विद्या के अंग हैं।
|
| 25. | अविद्याग्रसत जीवन से मुक्ति पाने के लिए एवं अपने रूप का साक्षात्कार करने के लिए परा विद्या के अंग हैं।
|
| 26. | भारत में परा विद्या और अपरा विद्या में भेद किया गया है और दोनों में प्रथम को ऊँचा पद दिया है।
|
| 27. | उपनिषदें ‘ अपरा विद्या ', निम्नतर ज्ञान और ‘ परा विद्या ', उच्चतर ज्ञान में अन्तर करती हैं.
|
| 28. | भारत में परा विद्या और अपरा विद्या में भेद किया गया है और दोनों में प्रथम को ऊँचा पद दिया है।
|
| 29. | भारत में परा विद्या और अपरा विद्या में भेद किया गया है और दोनों में प्रथम को ऊँचा पद दिया है।
|
| 30. | -सुरेश कुमार शर्मा (लेखक वित्तीय मामलों के विशेषज्ञ हैं और चुरु-राजस्थान स्थित भास्कर परा विद्या शोध संस्थान के सचिव भी हैं)
|