परिनालिका ब्रेक की क्षमता सदैव बोझ को थामने और गति मंदन में प्रयुक्त होनेवाले बलआघूर्ण (torque) के रूप में व्यक्त की जाती है।
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भौतिकी में परिनालिका स्प्रिंग की भांति बनाये गये तार की संरचना को कहते हैं जिसमें से धारा प्रवाहित करने पर चुम्बकीय क्षेत्र निर्मित होता है।
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भौतिकी में परिनालिका स्प्रिंग की भांति बनाये गये तार की संरचना को कहते हैं जिसमें से धारा प्रवाहित करने पर चुम्बकीय क्षेत्र निर्मित होता है।
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इस परिनालिका में एक प्रबल जनित्र से 8, 000 ऐंपियर की क्षणिक धारा 3/1000 सेकंड तक प्रवाहित कर उस परिनालिका के अंदर 3,20,000 गाउस का चुंबकीय क्षेत्र उत्पन्न किया।
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इस परिनालिका में एक प्रबल जनित्र से 8, 000 ऐंपियर की क्षणिक धारा 3/1000 सेकंड तक प्रवाहित कर उस परिनालिका के अंदर 3,20,000 गाउस का चुंबकीय क्षेत्र उत्पन्न किया।
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इस परिनालिका में एक प्रबल जनित्र से 8, 000 ऐंपियर की क्षणिक धारा 3/1000 सेकंड तक प्रवाहित कर उस परिनालिका के अंदर 3,20,000 गाउस का चुंबकीय क्षेत्र उत्पन्न किया।
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इस परिनालिका में एक प्रबल जनित्र से 8, 000 ऐंपियर की क्षणिक धारा 3/1000 सेकंड तक प्रवाहित कर उस परिनालिका के अंदर 3,20,000 गाउस का चुंबकीय क्षेत्र उत्पन्न किया।
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का उपयोग किया जाता है, वहाँ चकलीयुक्त ब्रेकों में परिनालिका प्रकार का, और पट्टेयुक्त तथा गुटके युक्त ब्रेकों में अश्वनालनुमा चुंबक का, उपयोग होता है, लेकिन जहाँ पत्यावर्ती धारा (
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चकलीयुक्त ब्रेक में घर्षण चकलियाँ, धुरे पर लगी चकलियों से रगड़ खाती हैं, जो कमानियों की ताकत से दबाई जाती हैं, लेकिन उन्हें छुड़ाने के लिए परिनालिका की चुंबकीय शक्ति का उपयोग करना होता है।
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चकलीयुक्त ब्रेक में घर्षण चकलियाँ, धुरे पर लगी चकलियों से रगड़ खाती हैं, जो कमानियों की ताकत से दबाई जाती हैं, लेकिन उन्हें छुड़ाने के लिए परिनालिका की चुंबकीय शक्ति का उपयोग करना होता है।