जहां तक जानकारी की बात है, तो मजदूरों में पर्यावरण-प्रदूषण के बारे में जागृति बढ़ी है, तो सूचना का अधिकारी, श्रम कानून व मानवाधिकार के बारे में भी जानते हैं।
22.
मसला अम्बर और बादलों के अंह-टकराव का है और दोष दिया जा रहा है जग भर में ग्लोबल वार्मिंग और पर्यावरण-प्रदूषण के नाम इंसानों पर, इस साल-दर-साल वादी में विलंबित होती बर्फबारी का।
23.
उनकी कविता ' हवा ', जो हिंदी में अनायास पर्यावरण-प्रदूषण पर लिखी गई बहुत कम कविताओं में विशिष् ट स् थान रखती है, कथ् य और शिल् प में बेजोड़ है.
24.
गरीबी, लड़ाई, नर-संहार के आयुध, रोग, नशीली दवाओं के शिकंजे, आतंकवाद की भयानकता, महामारी के रूप में बढ़ता हुआ पर्यावरण-प्रदूषण और नैतिक मूल्यों का गिरता हुआ स्तर-ये सभी सभ्यता के भविष्य पर कालिख पोत रहे है।
25.
अब हमें भी पता है कि हमारी पृथ्वी को हरा-भरा स्वस्थ और सुन्दर बनाये रखने के लिए हमें पर्यावरण-प्रदूषण को रोकना है, पानी के दुरुपयोग को रोकना है, पेड़-पौधों और पशु-पक्षियों की रक्षा करनी है...
26.
गरीबी, लड़ाई, नर-संहार के आयुध, रोग, नशीली दवाओं के शिकंजे, आतंकवाद की भयानकता, महामारी के रूप में बढ़ता हुआ पर्यावरण-प्रदूषण और नैतिक मूल्यों का गिरता हुआ स्तर-ये सभी सभ्यता के भविष्य पर कालिख पोत रहे है ।
27.
दूसरी ओर, वैश्वीकरण की पूरक प्रक्रिया के तहत विदेशों में रहने वाले भारतीय, महानगरों में कई पीढ़ी से रह रहे परिवारों के कुछ बच्चे एवं युवा, पर्यावरण-प्रदूषण से परेशान कुछ संवेदनशील लोग तथा हिन्दी फिल्मों के कुछ प्रमुख निर्देशकों में पारंपरिक गाँवों के प्रति रूमानी एवं आर्दशवादी लगाव बढ़ता जा रहा है।
28.
दूसरी ओर, वैश्वीकरण की पूरक प्रक्रिया के तहत विदेशों में रहने वाले भारतीय, महानगरों में कई पीढ़ी से रह रहे परिवारों के कुछ बच्चे एवं युवा, पर्यावरण-प्रदूषण से परेशान कुछ संवेदनशील लोग तथा हिन्दी फिल्मों के कुछ प्रमुख निर्देशकों में पारंपरिक गाँवों के प्रति रूमानी एवं आर्दशवादी लगाव बढ़ता जा रहा है।
29.
पर्यावरण-प्रदूषण की चिन्ता से लेकर विश्व-प्रेम तक, अपनों-परायों से मिली यातनाओं व धोखों से उत्पन्न पीड़ा से लेकर समतामूलक समाज की स्थापना के स्वप्न तक, वैयक्तिक आसक्ति की पीड़ा से लेकर अनासक्तिमूलक जिजीविषा तक तथा किसी अपने के बिछोह से उत्पन्न पीड़ा से लेकर दुर्दान्त युग की विसंगतियों तक-सभी-कुछ इन कविताओं में परिव्याप्त है।
30.
इस अवसर पर सत्यवान कश्यप, महेन्द्र सिंह कश्यप, जयभगवान कश्यप, अन्नू कश्यप, मनोज कश्यप, पवन क ' यप, विनोद कश्यप, श्रीमती शरतल क ' यप, श्रीमती कैलाशो देवी, श्रीमती सीमा कश्यप सहित कई पदाधिकारियों एवं समाज के गणमान्य लोगों ने पर्यावरण-प्रदूषण पर गहरी चिन्ता जताई और पर्यावरण संरक्षण के लिए अधिक से अधिक पेड़-पौधे लगाने का संकल्प लिया।