संसार में कोई भी नीच से नीच मनुष्य भी धर्म-निरपेक्ष हो ही नहीं सकता, क्योंकि कोई भी मनुष्य मानवीय गुणों से हीं नहीं है l धर्म यानी धारण करने योग्य मानवीय गुण जिसके मुख्य लक्ष्ण होते हैं... 1. धैर्य 2. क्षमा 3. मन पर काबू 4. चोरी न करना 5. मन व् शरीर की पवित्रता 6. इन्द्रियों पर नियन्त्रण रखना 7. बुद्धि को स्वाध्याय सत्संग से बढ़ाना 8.