आज हमारे देश में हिंदी भाषा को पहला दर्जा मिला हुआ है और किसी भी दफ्तर में किसी भी प्रकार का काम करने के लिए हिंदी का प्रयोग करना अनिवार्य किया गया है, परन्तु इन सब के बावजूद भी हिंदी की दुर्दशा आज इतनी हो गई है की हरियाणा के किसी भी दफ्तर में व किसी भी वाहन पर नेम प्लेट अंग्रेजी में ही मिलेगी.