” और जब उन्हों ने परमेश्वर को पहिचानना न चाहा, इसलिये परमेश्वर ने भी उन्हें उन के निकम्मे मन पर छोड़ दिया ; कि वे अनुचित काम करें।
22.
आंखे जिस तरह दूसरी चीजों को तस्वीरों के रूप में देखती और उन्हें पहिचानना सीखती हैं, उसी तरह वे अक्षरों और शब्दों को तस्वीरों की तरह देखकर उन्हें पढ़ना सीखेंगी और कान चीजों के नाम और वाक्यों का आशय पकड़ना सीखेंगे।
23.
ग्रह कही बाहर नहीं है, वह हमारे अन्दर भी है हमारे परिवार में भी है और हमारे समाज में भी है देश में भी है विदेश में भी है, ग्रहों को पहिचानना ही सबसे बड़ी बात मानी जाती है.
24.
साक्षी ने जिरह मे अपना घर सडक से बारह तेरह मीटर ऊपर होना बताया है और यह भी बताया है कि वह घास अपने मकान से भी दो खेत ऊपर काट रही थी यद्यपि इस साक्षी ने यह भी कथन किया है कि सडक ऊपर है और उनका घर नीचे है और वह सडक की ऊपर घास काट रही थी इस प्रकार सडक के ऊपर से चालक और गाडी को पहिचानना सम्भव बात नही लगती है।