दोनों की चमड़ी का रंग एक है, खून एक है, बोलचाल की भाषा एक है, रहन-सहन का ढंग एक है, पहिरावा एक है, आदतें एक हैं.
22.
11 वह अपके जवान गदहे को दाखलता में, और अपक्की गदही के बच्चे को उत्तम जाति की दाखलता में बान्धा करेगा ; उस ने अपके वस्त्र दाखमधु में, और अपना पहिरावा दाखोंके रस में धोया है।।
23.
11 वह अपके जवान गदहे को दाखलता में, और अपक्की गदही के बच्चे को उत्तम जाति की दाखलता में बान्धा करेगा ; उस ने अपके वस्त्र दाखमधु में, और अपना पहिरावा दाखोंके रस में धोया है।।
24.
14 तब उस ने यह सोचकर, कि शेला सियाना तो हो गया पर मैं उसकी स्त्री नहीं होने पाई; अपना विधवापन का पहिरावा उतारा, और घूंघट डालकर अपके को ढांप लिया, और एनैम नगर के फाटक के पास, जो तिम्नाय के मार्ग में है, जा बैठी:
25.
गरद खोर लुगदी उतारि के नई छींट पहिरावा हरियर कंचन बरन चुनरिया भुइयां तनिक बिछावा बदरू पानी दा हो बिन हरी भरी उदासल धरती पानी दा हो बदरू पानी दा हो सँवरू पानी दा हो बरसात में देर होने पर लोग बादल से जल की याचना करते हैं।
26.
14 तब उस ने यह सोचकर, कि शेला सियाना तो हो गया पर मैं उसकी स्त्री नहीं होने पाई ; अपना विधवापन का पहिरावा उतारा, और घूंघट डालकर अपके को ढांप लिया, और एनैम नगर के फाटक के पास, जो तिम्नाय के मार्ग में है, जा बैठी: 15 जब यहूदा ने उसको देखा, उस ने उस को वेश्या समझा ; क्योंकि वह अपना मुंह ढ़ापे हुए यी।
27.
पर जो हम मलयकेतु को पकड़ेंगे तो लोग निश्चय कर लेंगे कि अवश्य चाणक्य ही ने अपने मित्र इसके पिता को मारा और अब मित्रपुत्र अर्थात् मलयकेतु को मारना चाहता है और भी, अनेक देश की भाषा, पहिरावा, चाल व्यवहार जाननेवाले अनेक वेषधारी बहुत से दूत मैंने इसी हेतु चारों ओर भेज रखे हैं कि वे भेद लेते रहें कि कौन हम लोगों से शत्रुता रखता है, कौन मित्र है।