| 21. | आमाशय के लिए उत्तेजक होने से आमाशय में पाचक रस बढ़ता है, जिससे भूख लगती है।
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| 22. | अब पत्ते से एक पाचक रस निकलता है जो कीड़े के मांस को घुला देता हैं।
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| 23. | आमाशय के लिए उत्तेजक होने से आमाशय में पाचक रस बढ़ता है, जिससे भूख लगती है।
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| 24. | इस अवधि में विभिन्न पाचक रस इसमें आकर मिलते हैं तथा पाचन क्रिया संपादित करते है।
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| 25. | अब पत्ते से एक पाचक रस निकलता है जो कीड़े के मांस को घुला देता हैं।
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| 26. | उसमें अनेक पाचक रस और ऍन्जाइम अवस्थित हैं जो शरीर को विविध रूप में उपयोगी है।
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| 27. | आमाशय के लिए उत्तेजक होने से आमाशय में पाचक रस बढ़ता है, जिससे भूख लगती है।
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| 28. | आमाशय एक दिन में लगभग दो लीटर रस छोड़ता है इस रस को पाचक रस कहते हैं।
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| 29. | पेट दर्द में इसके फूल और पत्तियों का रस लेने से पाचक रस बनने लगते हैं.
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| 30. | पित्त एक प्रकार का पाचक रस होता है लेकिन यह विष (जहर) भी होता है।
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