| 21. | पापों को धोनेवाले समस्त पातक रूप शत्राुओंको ललकारते हुए विपतिरूप
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| 22. | याचक और पातक के प्रति समभाव।
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| 23. | काया से जो पातक होई ।
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| 24. | करम बचन मन भव कबि कहहीं॥ते पातक मोहि होहुँ बिधाता।
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| 25. | तू ही योगिनी, तू हरि शयनी, तथा पवित्रा पातक वहनी,
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| 26. | जे न मित्र न दुख होहिं दुखारी, तिनहि बिलोकत पातक भारी।
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| 27. | राम नाम मुद मंगलकारी, विध्न हरे सब पातक हारी ।
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| 28. | चैनल वाले धन बटोरते यह समाज के पातक है!!
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| 29. | इसका निशाना वे हैं जो इस पातक के कर्ता हैं।
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| 30. | भय ही मृत्यु है, भय ही महा पातक है।
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