| 21. | गायत्री का आश्रय लेने से बुरे, बदमाश और दुराचारी स्त्री-पुरुष भी स्वल्पकाल में सन्मार्गगामी और पापरहित हो सकते हैं।
|
| 22. | इन गुणवाले भगवान् मेरे अन्त: करण में प्रविष्ट होकर मुझे भी तेजस्वी, श्रेष्ठ, पापरहित एवं दिव्य बनाते हैं।
|
| 23. | ऐसे साधक आत्मज्ञान के द्वारा पापरहित (ज्ञाननिर्धूतकल्मषाः) बन जाते हैं एवं इस संसार में पुनः बार-बार आगमन नहीं करते।
|
| 24. | वाल्मीकि के अनुसार अग्नि देव श्रीराम से कहते हैं ' एषा ते राम वैदेही पापमस्यां न विद्यते-श्रीराम यह वैदेही पापरहित है।
|
| 25. | परमात्मा की शरण में आने से जीव निर्भय और पापरहित होकर सत्-चित-आनन्द में रमण करने का अधिकारी हो जाता है.
|
| 26. | चंद्रमा के साथ केतु की युती से केतु पापरहित हो गया हैं, लेकिन राहू दोष युक्त होकर पत्नी स्थान में बैठे हैं।
|
| 27. | वे हाथ जोड़कर खड़े हुए और भगवान शिव से बोले कि ‘ आप मुझे निष्पाप (पापरहित) बनाने की कृपा करें।
|
| 28. | चंद्रमा के साथ केतु की युती से केतु पापरहित हो गया हैं, लेकिन राहू दोष युक्त होकर पत्नी स्थान में बैठे हैं।
|
| 29. | जो कार्य एक मनुष्य के लिये पाप है, वही दूसरे के लिए पापरहित है और किसी के लिये वह पुण्य भी है।
|
| 30. | सिर्फ एक ही उपाय था जिसके द्वारा यीशु मसीह पापरहित स्वभाव में मनुष्य बन सकते थे और यह उपाय था कुंआरी के द्वारा जन्म लेना।
|