जिसके बाद फिर वही भय और भूख से भरे पन्ने हैं, जिससे लगता है, पितृहीन परिवार की आर्थिक दुरावस्था मध्यवित्तीय परिवार को कितने दारूण दैन्य के बीच जीने को मजबूर कर देती है।
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मैं तो इन्हें गडबड़झाला प्रतिनिधि कहता हूँ, क्लिनिक और लैब का मल्टीपरपॅस पुर्जा! और किसी कि हिम्मत न होती, पर यह पितृहीन बालक मेरे स्नेह और सानिध्य में कुछ अधिक लड़ैता हो गया… आगे पढ़िये
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मैं तो इन्हें गडबड़झाला प्रतिनिधि कहता हूँ, क्लिनिक और लैब का मल्टीपरपॅस पुर्जा! और किसी कि हिम्मत न होती, पर यह पितृहीन बालक मेरे स्नेह और सानिध्य में कुछ अधिक लड़ैता हो गया… आगे पढ़िये
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पितृहीन कर दिया गया मैं, क्षत-विक्षत युवराज सारी आशा छोड़ बैठे हैं. ' अश्वत्थामा की घोर विकलता को कृतवीर्य कुछ धीरज बँधाना चाहते हैं एक बार नहीं, दो बार नहीं, कई बार वही कर्कश उलूक-ध्वनि.
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तब उन्होने गुरुकुलों में ऋषियों द्वारा पाले जा रहे पितृहीन राजकुमारों को राज्यसत्ता फिर से सौंपकर समरकलायें सिखाने का काम किया और न्याय का काम फिर से क्षत्रिय व्यवस्था के पास आया जो कि अब पहले सी निरंकुश नहीं रही थी।
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तब उन्होने गुरुकुलों में ऋषियों द्वारा पाले जा रहे पितृहीन राजकुमारों को राज्यसत्ता फिर से सौंपकर समरकलायें सिखाने का काम किया और न्याय का काम फिर से क्षत्रिय व्यवस्था के पास आया जो कि अब पहले सी निरंकुश नहीं रही थी।
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आर्य चाणक्य ने अपने अर्थशास्त्र में कहा है कि पितृहीन व आप्तहीन बालकों को सामुद्रिक, मुख-परीक्षा, जादू-विद्या, वशीकरण, आश्रम-धर्म, शकुन-विद्या आदि सिखाकर, उनमें से संसर्ग अथवा समागम द्वारा व्रत्त-संग्रह करने वाले गुप्तचरों का चुनाव किया जाना चाहिए।
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मैं तो इन्हें गडबड़झाला प्रतिनिधि कहता हूँ, क्लिनिक और लैब का मल्टीपरपॅस पुर्जा! और किसी कि हिम्मत न होती, पर यह पितृहीन बालक मेरे स्नेह और सानिध्य में कुछ अधिक लड़ैता हो गया है..” सर जी, देखिये फोटो ठीक आयी है?
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सुननेवाले कहते, यह सुन कर तो हमें बड़ी प्रसन्नता हुई कि तुमने इस पितृहीन को आश्रय दिया किंतु हमें इस बात का बड़ा भय और खेद है कि अगर किसी ने मलिका से इसके रूप की प्रशंसा कर दी तो इस बेचारे की छुट्टी समझो।
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उसके शोक ने उसे पीटर के सुनहरे घुंघराले बाल, अपने प्रति उसके प्यार और पितृहीन इवान के साथ अपने पिछले कठिन जीवन की याद दिला दी थी और इसके लिए उसने पीटर को ही दोषी ठहराया था जो अजनबियों के बीच गृहविहीन उस दुखी महिला की अपेक्षा अपने भाई की अधिक चिन्ता करता था।