किसी आसन पर पीला कपड़ा बिछाकर उस पर श्री साईं बाबा जी की तस्वीर रखकर स्वच्छ जल से पोंछकर चन्दन या कुंकुम का तिलक लगाना चाहिए और उन पर पीला फूल या हार चढ़ाकर प्रसाद में कोई भी फल या मिठाई बंटी जा सकती है|
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किसी आसन पर पीला कपड़ा बिछाकर उस पर श्री साईं बाबा जी की तस्वीर रखकर स्वच्छ जल से पोंछकर चन्दन या कुंकुम का तिलक लगाना चाहिए और उन पर पीला फूल या हार चढ़ाकर प्रसाद में कोई भी फल या मिठाई बंटी जा सकती है |
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चरित्र व क्रिया द्वारा शिक्षण अगर आप इन बातों को ध्यान रखेंगे तो बेटे आपका पीला कपड़ा, जो हमने पहनाया है, उसकी भी इज्जत रह जायेगी और आप जो वानप्रस्थ के माध्यम से कार्य करने वाले हैं, उसमें भी सफलता मिलती चली जायेगी।
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इस साधना के लिए प्रातः ब्रह्म मुहूर्त में उठ कर, स्नानादि करके, पीले या सफ़ेद आसन पर पूर्वाभिमुखी होकर बैठें| बाजोट पर पीला कपड़ा बिछा कर उसपर केसर से “ॐ” लिखी ताम्बे या स्टील की प्लेट रखें| उस पर पंचामृत से स्नान कराके “गुरु यन्त्र” व “कुण्डलिनी जागरण यन्त्र” रखें| सामने गुरु चित्र भी रख लें| अब पूजन प्रारंभ करें|
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गुरु विपरीत परिणाम दे तो, गुरु शांति करना हाहिये, एवं गुरु का दान लक्ष्मी-नारायण मंदिर में या किसी गुरु को दे! गुरु का यह दान है-> पीला कपड़ा, चने की दाल, सोने की वस्तु हल्दी की गाँठ, पीला फुल, पुखराज, पुस्तक, शहद, शक्कर, भू मि छाता इत्यादी देना चहिये!,
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तंत्रोक्त गुरु मंत्र: क्कऊँ xzka xzha xzkSa सः गुरुवे नमः दान की वस्तुएं: पीले चावल, पुखराज, चने की दाल, हल्दी, शहद, पीला कपड़ा, पीले पुष्प व पीले फल (जैसे आम, केले आदि), कांस्य पात्र, घोड़ा, लवण, शक्कर, घी, धर्मग्रंथ, सुवर्ण, पीली मिठाई, दक्षिणा आदि।
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जानिए क्या हैं ये टोटके:-1. रविवार को पीले रंग के कपड़े में सात सुपारी, हल्दी की सात गांठें, गुड़ की सात डलियां, सात पीले फूल, चने की दाल (करीब 70 ग्राम), एक पीला कपड़ा (70 सेमी), सात पीले सिक्के और एक पंद्रह का यंत्र माता पार्वती का पूजन करके चालीस दिन तक घर में रखें।
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पूजन यंत्र अनुष्ठान विधि: नित्य कर्मों से निवृत्त होकर आचमन एवं मार्जन कर चैकी या पटरे पर पीला कपड़ा बिछाकर उस पर अष्ट गंध एवं चमेली की कलम से भोजपत्र पर लिखित श्री मंगला गौरी पूजन यंत्र स्थापित कर विधिवत विनियोग, न्यास एवं ध्यान कर पंचोपचार (रोली, चावल, फूल, धूप एवं दीप) से उस पर श्री मंगला गौरी का पूजन कर उक्त मंत्र का जप करना चाहिए।
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यंत्र पूजन विधि नित्यनियम से निवृत्त होकर आसन पर पर्वू ाि भमख्ु ा या उत्तराभिमख्ु ा बठै कर विधिवत् विनियोग, ऋष्यादिन्यास, करन्यास, अंगन्यास, मंत्रन्यास एवं ध्यान कर चैकी या पटरे पर पीला कपड़ा बिछाकर उस पर भोजपत्र पर अष्टगंध एवं चमेली की कलम से लिखे उक्त मंत्र पर पंचोपचार (रोली, चावल, फूल, धूप एवं दीप) से मां सरस्वती का पूजन कर मनोयोगपूर्वक उक्त मंत्र का जप करना चाहिए।