तात्कालिक मामलों में पुनर्विलोकन समिति का अध्यक्ष किसी पक्षकार राज्य की सरकार *** या सचिव, भारत सरकार, पर्यावरण एवं वन मंत्रालय *** के आवेदन पर पुनर्विलोकन करने के संबंध में अंतिम विनिश्चिय होने तक प्राधिकरण के किसी आदे श के निष्पादन को रोक सकता है ।
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अत्याोवश्यवक मामलों में पुनर्विलोकन समिति के अध्यीक्ष किसी भी पक्षकार राज्यक की सरकार अथवा भारत सरकार के पर्यावरण एवं वन मंत्रालय के सचिव के आवेदन पर प्राधिकरण के किसी भी आदेश पर स्थ गन, अन्तिम निर्णय होने तक पुनर्विलोकन करने की अनुमति दे सकते हैं ।
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अत: अधिनियम की धारा 6 (अ) के द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए केन्द्रीय सरकार एतद् द्वारा स्कीम का निरूपण करती है तथा नर्मदा जल विवाद न्यायाधिकरण के विनिश्चिय को प्रभावी बनाने के लिए नर्मदा नियंत्रण प्राधिकरण (जिसे आगे प्राधिकरण का जाएगा) तथा पुनर्विलोकन समिति का गठन करती है, नामशः
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नर्मदा घाटी की इंदिरा सागर (नर्मदा सागर), सरदार सरोवर तथा अन्य प्रस्तावित परियोजनाओं के नियंत्रित एवं क्रमबद्ध विकास हेतु सम्बन्धित राज्य सरकारों के साथ चर्चा करके इस बात पर सहमति हुई कि नर्मदा नर्मदा नियंत्रण प्राधिकरण तथा नर्मदा नियंत्रण प्राधिकरण की पुनर्विलोकन समिति के संगठन को मजबूत बनाया जाए तथा इसकी भूमिका में वृद्धि की जाए ताकि पर्यावरण के संरक्षण तथा विस्थापितों एवं अन्य प्रभावित व्यक्तियों के कल्याण एवं पुनर्वास हेतु आवश्यक तथा समुचित उपाय किए जा सकें ।