सैकेरम स्पान्टेनियम में पुष्पण अक्टूबर के मध्य तक लगभग समाप्त हो जाता है जबकि गन्ने में इसके लगभग 40 से 45 दिन बाद पुष्पण प्रारम्भ होता है।
22.
विभज्योत्तक (मेरीस्टेम) संवर्धन के द्वारा रोग मुक्त, शीघ्र पुष्पण वाली एवं उच्च पैदावार वाली वैनिला फसल के उत्पादन हेतु कार्य आरंभ किया जा चुका है।
23.
कई बारहमासी पौधों और द्विवार्षिक पौधों को फूलों के [[वर्नालाईजेशन/ बीज या बीजांकुर को कम तापमान में रखना ताकि पौधे की पुष्पण की प्रक्रिया त्वरित हो सके|वेर्नालाइजेशन]] (
24.
पादप हार्मोन, पौधे को निश्चित आकार देने के साथ, बीज विकास, पुष्पण का समय, फूलों के लिंग, पत्तियों और फलों के वार्धक्य (बुढा़पा) के लिए उत्तरदायी होते हैं।
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पादप हार्मोन, पौधे को निश्चित आकार देने के साथ, बीज विकास, पुष्पण का समय, फूलों के लिंग, पत्तियों और फलों के वार्धक्य (बुढा़पा) के लिए उत्तरदायी होते हैं।
26.
सामान्य रूप से पुष्प के प्रत्येक गुच्छे में से एक पुष्प प्रतिदिन खिलता है, और इसलिये पुष्प का गुच्छा 20 दिनों से अधिक समय तक पुष्पण में रह सकता है.
27.
पुष्पण वाला तना एक अन्तक रूप सृजित करता हैं जिसे फूल की कुर्सी या उसका पत्र कहते हैं फूल के हिस्से पत्र के उपर वोर्ल (whorl) में व्यवस्थित होते हैं.
28.
अपने जीवन चक्र में पुष्पण के लिए संक्रमण (transition) पौधे द्वारा बदलाव का एक महान चरण होता है.संक्रमण उसी समय होना चाहिए जब अधिकतम प्रजनन की सफलता कि सुनिश्चितता होगी.
29.
सामान्य रूप से पुष्प के प्रत्येक गुच्छे में से एक पुष्प प्रतिदिन खिलता है, और इसलिये पुष्प का गुच्छा 20 दिनों से अधिक समय तक पुष्पण में रह सकता है.
30.
सामान्य रूप से पुष्पण प्रत्येक बसंत में होता है, और परागण के बिना, कली जाती है और नीचे गिर जाती है, और की कोई भी फली विकसित नहीं हो सकती है.