अच्छा आब हम अपन विद्वताक दाबी छोड़ी आ आ अहाँ सभ के पूर्ण वाक्य के दर्शन कराबी-“अन्हार पर इजोतक कहिऒ विजय नहि, सरकार पर जनताक कोनो धाख नहि”।
22.
पिछले कुछ बरस से लगातार मैंने खुद को ” ज़माना बदल गया है ' जैसे यथार्थ पूर्ण वाक्य दोहराकर इस बदली दुनिया से तालमेल बिठाने का प्रयास कर रहा हूँ...
23.
उसके बाद निम्न भावनाओं को व्यक्त करने वाले कुछ अर्ध वाक्य एक के बाद एक पिरो दें (पूर्ण वाक्य न लिखें, क्योंकि वह तो गद्य हो जायगा, या आपकी पोल खुल जायगी).
24.
इसमें बुरा कुछ भी नहीं है पर मुश्किल तब होती है जब किसी के श्रीमुख से उच्चारित पूर्ण वाक्य से केवल एक शब्द निकालकर उसका भाव भी अपने हिसाब से प्रस्तुत कर दिया जाता है।
25.
इसमें बुरा कुछ भी नहीं है पर मुश्किल तब होती है जब किसी के श्रीमुख से उच्चारित पूर्ण वाक्य से केवल एक शब्द निकालकर उसका भाव भी अपने हिसाब से प्रस्तुत कर दिया जाता है।
26.
नहीं, वास्तविकता ये है की हमने उस पूर्ण वाक्य पर ध्यान ही नहीं दिया है,उसमे कहा तो गया है की मन,वचन,कर्म से पूर्ण पूजन करने पर......... अब खुद ही सोचिये घर से नहा-धोकर मंदिर के लिए निकलते हैं..
27.
जबकि लोकोक्ति अपने आप मेँ पूर्ण वाक्य होती है और प्रयोग स्वतन्त्र वाक्य की तरह ज्योँ का त्योँ होता हैप्रमुख लोकोक्तियाँ व उनका अर्थ: • अंडा सिखावे बच्चे को चीं-चीं मत कर-छोटे के द्वारा बड़े को उपदेश देना।
28.
छोटे और पूर्ण वाक्य आपकी-कहन-की ताकत को धारदार (अनेकार्थ) बना देते हैं और यही वजह है कि एक बार शुरू करने के बाद कहानी खत्म करके ही पढ़ने वाला दम लेता है.