जिनकी कुण्डली में गुरू शुभ स्थिति में नहीं है उनके लिए गुरू का शुभ गोचर भी पूर्ण शुभ फल नहीं देता है इसलिए गुरू के शुभ फलों में वृद्धि तथा अशुभ प्रभाव को दूर करने के लिए लाल किताब के कुछ आसान उपाय आजमा सकते हैं।
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इस अनंत ब्रह्मांड मे सभी देवता (दिव्य चेतन शक्तियाँ) इसी प्रकार शक्ति सम्पन्न होते हैं जिससे इस धरती पर भी वर्षा, फसलों का उगना, श्रेष्ठ संतानों जन्म होना और योग्य का अपना पूर्ण शुभ प्रभाव दिखाना आदि सभी कार्य होते हैं ।
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परन्तुईश्वर मनुष्य की आत्मा को कब नष्ट करना चाहेगा? ईश्वर पूर्ण शुभ है तथावह सनकी नहीं है, उसका हर कार्य विवेक-समस्त होता है, ऐसी स्थिति में, वहकिसी मनुष्य की आत्मा का नाश करने की बात तभी सोचेगा जब वह आत्मा उसकीयोजना में बिगाड़ने के सिवाय कुछ नहीं करती.