निरापद आचरण: ह्यूमन पैपिलोमा वायरस जनित यौन-संक्रमित रोग, हेपेटाइटिस-बी और एचआइवी से विभिन्न तरह के कैंसर का खतरा बढ़ जाता है।
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मूत्राशय के सुदम्य अर्बुदों में पैपिलोमा उपकला ऊतक से तथा फाइब्रोमा (fibroma), लाइपोम (lipoma), एंजियोमा (angioma) और एंडोमेट्रिओमा (endometrioma) मध्यकला ऊतक से होते हैं।
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दिलचस्प बात यह है कि इन्हीं स्वास्थ्य केंद्रों के जरिए इन गांवों में ह्यूमन पैपिलोमा वायरस (एचपीवी) का टीका लगाया गया था.
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नोलेंस के मुताबिक करीब 100 प्रकार के मानव पैपिलोमा वायरस (एचपीवी) होते हैं और मानव में इनका कई प्रकार का संक्रमण होता है।
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उन्होंने ब्रिटिश अखबार ' गार्जियन' को बताया कि ओरल सेक्स के जरिए ह्यूमन पैपिलोमा वायरस (एचपीवी) उनमें संक्रामित हुआ और इसकी वजह से उन्हें यह बीमारी हुई है।
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महिलाओं के एक समूह पर किए गए परीक्षण में पाया गया कि जिन महिलाओं को यह वैक्सीन दिया गया था, उनमें ह्यूमन पैपिलोमा वायरस की मौजूदगी नहीं पाई गई।
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उन्होंने ब्रिटिश अखबार ' गार्जियन ' को बताया कि ओरल सेक्स के जरिए ह्यूमन पैपिलोमा वायरस (एचपीवी) उनमें संक्रामित हुआ और इसकी वजह से उन्हें यह बीमारी हुई है।
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ये कुछ तरह के ह्यूमन पैपिलोमा वायरस (एच पी वी) के उप-प्रकार के कारण होते हैं, वही वायरस जिसके कारण शरीर के दूसरे अंगो पर मस्से होते हैं।
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महिलाओं को होने वाले सर्विक्स (बच्चेदानी के मुंह) के कैंसर का सबसे बड़ा कारण (80 फीसदी से ज्यादा) ह्यूमन पैपिलोमा वायरस (एचपीवी) है जिसके खिलाफ इस वैक्सीन का इस्तेमाल होने लगा है।
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ह्यूमन पैपिलोमा वायरस किसी पुरुष के शरीर में तो सुप्तावस्था में पड़ा रहता है लेकिन ऐसे पुरुष से संबंध बनाने वाली स्त्री के शरीर में यह वायरस सर्विक्स कैंसर का कारण बनता है।