| 21. | न कछु पोच माटी के भांडे, न कछु पोच कुम्हारे ।।
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| 22. | उस बेचारे की वर्षों की मेहनत. की पट्टी पोच दी अब दुख होगा.
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| 23. | वह जानता था कि तकवी पोच आदमी है, उससे हिंदू का कभी नुकसान नहीं हो सकता।
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| 24. | सम्मान की बात तो अलग कभी बराबरी भी नही मानते हमेशा पोच समझ कर व्यवहार होता है।
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| 25. | एग्ग् पोच्हेर् पोच पात्रधातु का बर्तन या युइत, जिसमें रखकर अंडे को पकाने से उसका आकार गोलही रहता है.
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| 26. | माटी एक अनेक भांति करि साजी साजनहारै ॥ ना कछु पोच माटी के भांडे ना कछु पोच कु्मभारै ॥२॥
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| 27. | माटी एक अनेक भांति करि साजी साजनहारै ॥ ना कछु पोच माटी के भांडे ना कछु पोच कु्मभारै ॥२॥
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| 28. | इसके विपरीत, ओपलसीन का सही प्रयोग सामान्य या पोच ओपल के दूधिया, पंकिल रूप के लिए किया जाता है.
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| 29. | इसके विपरीत, ओपलसीन का सही प्रयोग सामान्य या पोच ओपल के दूधिया, पंकिल रूप के लिए किया जाता है.
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| 30. | मेरे घर के फाटक के बाहर हमेशा ही चौराहे से उड़कर इन पोच के टुकडे आ जाते हैं हम रोज ही परेशान है इनसे।
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