अप्रत् याशि त इस आक्रमण की प्रतिवर्ती क्रिया में बॉस गिर रहे अपने धूप के चश् मे को सँभालने की बजाय अपने हाथ अपने रिवाल् वर की दिशा में बढ़ा रहे हैं।
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हां, क्योंकि इस संतुलन को ठीक करने के साथ-साथ यदि आप पीसी मांसपेशी को मजबूत और चपल नहीं बना सके, तो आप प्रतिवर्ती क्रिया पर नियंत्रण बनाए नहीं रख पाएंगे।
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हमारी अनेक इच्छाओं से उत्पन्न हुई क्रियाएँ भी, यद्यपि उनका उद्भव प्रमस्तिष्क के प्रांतस्था से हाता है किंतु आगे चलकर उनका संपादन मेरूरज्जु से प्रतिवर्ती क्रिया की भाँति होने लगता है।
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बहुत ही कष्ट प्रद और गंभीर, उग्र अवस्था में इसमें प्रतिवर्ती क्रिया (रिफ्लेक्सिज़) भी क्षीण होने लगती है, ऐसा होने पर आप एकाएक हरकत में नहीं आ पाते.
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इस समस्या का कारण मस्तिष्क में सेरोटोनिन और डोपामाइन के स्तरों में स्थायी असंतुलन हो जाना है, जो यौन आवेश को बहुत बढ़ा देता है जिसके कारण वीर्य स्खलनीय प्रतिवर्ती क्रिया चालू हो जाती है।
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इस समस्या का कारण मस्तिष्क में सेरोटोनिन और डोपामाइन के स्तरों में स्थायी असंतुलन हो जाना है, जो यौन आवेश को बहुत बढ़ा देता है जिसके कारण वीर्य स्खलनीय प्रतिवर्ती क्रिया चालू हो जाती है।
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गिरिजेश ने बहुत अच्छा प्रश्न उठाया था-क्या प्रतिवर्ती क्रियायें ही सहज वृत्ति है जैसा की उन्हें आपकी लेखनी से भ्रम हुआ! सहज बोध नैसर्गिक वृत्ति तो है मगर वह प्रतिवर्ती क्रिया नहीं है.
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कारण यह है की ऐसी स्थिति में देखने में आया है की उस व्यक्ति के रक्त क़ी डेक्टाकार्डिन यंत्र के ताम्रल्पिका या क्युप्रिक मेनाक्सीन के कारण प्रतिवर्ती क्रिया या रिफ्लेक्सिंग आर्क को अवरुद्ध करने लगती है.
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स्खलनीय प्रतिवर्ती क्रिया में मूत्रमार्ग, प्रोस्टेट ग्रंथि और शुक्राशय के चारों ओर स्थित और शिश्न के आधार पर स्थित मांसपेशियों का लयात्मक अनैच्छित संकुचन होता है, जो शुक्राशय से वीर्य को शिश्न के मार्ग से निष्कासित कर देता है।
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स्खलनीय प्रतिवर्ती क्रिया में मूत्रमार्ग, प्रोस्टेट ग्रंथि और शुक्राशय के चारों ओर स्थित और शिश्न के आधार पर स्थित मांसपेशियों का लयात्मक अनैच्छित संकुचन होता है, जो शुक्राशय से वीर्य को शिश्न के मार्ग से निष्कासित कर देता है।