गया हुआ धन वापस आ जाता है, नित्य प्रति संसार में लोग धनी से निर्धन और निर्धन से धनवान् होते रहते हैं, धूप-छाँव जैसी धन अथवा अधन की इस स्थिति का जरा भी महत्त्व नहीं हैं।
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धरती का यह एक मात्र ऐसा जल है जिसमें यह गुण पाया जाता है आखिर हो भी क्यों न देव देवभगवान शिव के ऊपर जो विराजमान रहती है उन्ही की कृपा से इस पावन भागीरथी की यह विशिष्टता के प्रति संसार विनत है।
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उपचार करने की तीन विधियां है, यह लगभग उसी प्रकार से है, जैसे सभी कार्यों के प्रति संसार में रीतियां अपनाई जाती है, निम्न, मध्यम और उच्च, उसी प्रकार से तीन विधियां लालकिताब के अन्दर अपनाई जातीं है, टोटके, उपाय और सदाचरण.