प्राथमिकता (सं.) [सं-स्त्री.] 1. किसी कार्य, बात या व्यक्ति को औरों से पहले दिया जाने या मिलने वाला अवसर या स्थान ; अग्रता ; प्रथमता 2. प्रथम स्थान में होने या रखे जाने की अवस्था या भाव ; प्राथमिक होने का भाव।
22.
पद 24 का द्वितीय खण्ड कहता है कि “हम उस पर विश्वास करते हैं, जिस ने हमारे प्रभु यीशु को मरे हुओं में से जिलाया ।” यीशु के पुनरुत्थान को प्रथम स्थान में रखने का तात्पर्य यह है कि यह उस सामर्थ्य से जुड़ जाता है जो पद 17 में इसहाक को जन्म देने में लगी।