यदि पर्दे पर प्रक्षेपित प्रकाश दोनों प्रकाशस्रोतों से समान कोण पर आपतित हो तो स्रोतों की प्रदीपन क्षमता पर्दे से उनकी दूरियों के वर्ग के व्युत्क्रमानुपाती होती है।
22.
यदि पर्दे पर प्रक्षेपित प्रकाश दोनों प्रकाशस्रोतों से समान कोण पर आपतित हो तो स्रोतों की प्रदीपन क्षमता पर्दे से उनकी दूरियों के वर्ग के व्युत्क्रमानुपाती होती है।
23.
ऐसी स्थिति में यदि एक प्रकाशस्रोत की प्रदीपन क्षमता क1 (C1) और पर्दे से दूरी द1 (d1) तथा दूसरे के लिये ये राशियाँ क्रमश: क2 (C2) और द2 (d2) हों तो
24.
मान लें (चित्र 1) र (r) अर्धव्यास के गोले (sphere) के केंद्र उ (o) पर एक अंतरराष्ट्रीय कैंडिल प्रदीपन क्षमता का प्रकाशस्रोत रखा हुआ है।
25.
अत: किसी प्रकाशस्रोत की प्रदीपन क्षमता उस स्रोत द्वारा इकाई क्षेत्र पर प्रति सेकेंड प्रेषित प्रकाश की मात्रा तथा इन्हीं परिस्थितियों में एक मानक कैंडिल द्वारा प्रति सेकंड प्रति ईकाई क्षेत्र पर प्रेषित प्रकाश की मात्रा का अनुपात होता है।
26.
अत: किसी प्रकाशस्रोत की प्रदीपन क्षमता उस स्रोत द्वारा इकाई क्षेत्र पर प्रति सेकेंड प्रेषित प्रकाश की मात्रा तथा इन्हीं परिस्थितियों में एक मानक कैंडिल द्वारा प्रति सेकंड प्रति ईकाई क्षेत्र पर प्रेषित प्रकाश की मात्रा का अनुपात होता है।
27.
अत: किसी प्रकाशस्रोत की प्रदीपन क्षमता उस स्रोत द्वारा इकाई क्षेत्र पर प्रति सेकेंड प्रेषित प्रकाश की मात्रा तथा इन्हीं परिस्थितियों में एक मानक कैंडिल द्वारा प्रति सेकंड प्रति ईकाई क्षेत्र पर प्रेषित प्रकाश की मात्रा का अनुपात होता है।
28.
ऐसी स्थिति में यदि एक प्रकाशस्रोत की प्रदीपन क्षमता क 1 (C 1) और पर्दे से दूरी द 1 (d 1) तथा दूसरे के लिये ये राशियाँ क्रमश: क 2 (C 2) और द 2 (d 2) हों तो