इतना अवश्य है कि यदि यह अनुवाद किसी समिति द्वारा किया गया होता तो ‘ घोड़े के मुँह ' जैसे सीधी और सहज बात न कहकर ‘ हय-वदन ' या ‘ तुरंगमुख ' जैसे किसी प्रभावशाली पद का उपयोग किया जाता।
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राजनीति में प्रभावशाली पद, उन पदों पर राजघराने के लोग और उन लोगों की राजनीति के रंग राजस्थान के रजवाड़ों को अपनी तरफ खींचते रहे हैं, राजनीति को भी हमेशा से सुहाते रहे है, जनता को भी वे भाते रहे हैं और राजपरिवारों से आए लोग पद पाते भी रहे हैं।