| 21. | कषायसहित आत्मा का परिणाम प्रमत्त कहलाता है | इस प्रमत्त का योग अर्थात कषाय सहित परिणामों से मन-वचन-काय की क्रिया प्रमत्तयोग है ।
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| 22. | कषायसहित आत्मा का परिणाम प्रमत्त कहलाता है | इस प्रमत्त का योग अर्थात कषाय सहित परिणामों से मन-वचन-काय की क्रिया प्रमत्तयोग है ।
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| 23. | छठे गुणस्थान तक मैथुन संज्ञा रहती है और प्रमत्त अवस्था भी रहती है, इसीलिए साधुओं के लिए भी नौ बाडें लगाई गई हैं।
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| 24. | मधु प्रमत्त मधुकर सा मंजर वह मदहोश अब तक संचित वह क्षण कहाँ मुझे है होश! बहुत सुन्दर और कोमल भाव..अच्छी प्रस्तुति
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| 25. | वह पावन छवि नज़र चुराते चितवन की मधु प्रमत्त मधुकर सा मंजर वह मदहोश अब तक संचित वह क्षण कहाँ मुझे है होश!!
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| 26. | हिंदी में भावार्थ-बुद्धिमान व्यक्ति को मत्त और प्रमत्त के समान दिखावे में स्थित होकर शत्रु पर ऐसे ही प्रहार करते हैं जैसे सिंह करता है।
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| 27. | दूसरी ओर, चड़क पूजा इत्यादि विधियों से अपने-आपको प्रमत्त करके, और शरीर को तरह-तरह के क्लेश में उत्तेजित करके उसकी आराधना होती है।
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| 28. | हिंदी में भावार्थ-बुद्धिमान व्यक्ति को मत्त और प्रमत्त के समान दिखावे में स्थित होकर शत्रु पर ऐसे ही प्रहार करते हैं जैसे सिंह करता है।
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| 29. | हिंदी में भावार्थ-बुद्धिमान व्यक्ति को मत्त और प्रमत्त के समान दिखावे में स्थित होकर शत्रु पर ऐसे ही प्रहार करते हैं जैसे सिंह करता है।
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| 30. | हिंदी में भावार्थ-बुद्धिमान व्यक्ति को मत्त और प्रमत्त के समान दिखावे में स्थित होकर शत्रु पर ऐसे ही प्रहार करते हैं जैसे सिंह करता है।
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