यह बात और है कि राज्य में भोंपू पर यह घोषणा होती रहती है कि “ हो रही है प्रकाशमान, अंधेर नगरी है महान! ” इसके अतिरिक्त राज्य में एक डुगडुगी राजा की भी पदस्थापना की गयी है जिसका काम विरोध के स्वर मुखर करने वाली प्रजा अथवा उनके प्रतिनिधि के प्रति अनर्गल और व्यर्थ प्रलाप करना भर है, ताकि प्रजा उसके शब्दों और बयानों के खंडन में ही उलझी रहे.
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पेशाब के रोगों के कारण सूजन आ जाना, आरक्त-ज्वर के बाद पैरों में सूजन आ जाना खासकर गर्भवती स्त्रियों में, नई सूजन में अगर प्यास कम लगती हो, रोगी का प्रलाप करना, दांत किटकिटाना, शरीर के आधे भाग का फड़कना, पेशाब का कम मात्रा में ओर काले या लाल रंग का आना, सिर में पसीना आना जैसे लक्षणों में रोगी को एपिस-मेल औषधि 3 x मात्रा या 30 शक्ति का सेवन करना चाहिए।
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“ चलते और घूमते रहना, व्याकुलता, संज्ञानाश वस्त्ररहित होना, वृथा, बकवास या प्रलाप करना और अकस्मात् व्यसन में पड़ना '' ‘‘ अपने मन में ग्लानि करना, मित्रों का नाश, बुद्धि, शास्त्र और मति में भ्रम होना, तत्पुरुषों से वियुक्त रहना, असत्पुरुषों की संगति करना, अनर्थो की संगत में पड़ना ” ” पद पद पर स्खलित होना, शरीर में कपंना होना, तन्द्रा तथा स्त्रियों के प्रति अत्यधिक आकर्षित होना, यह सब मद्यपान के व्यसन है।