इन चीजों को ही प्रश्नोत्तर के रूप में पेश कर रहा हूँ:-प्रश्न १] अपने अवचेतन मन का प्रयोग कैसे करें?
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शुरूआत में यह गीत मध्यम स्वर में गाया जाता है गीतों के विषय भक्तिपरक होते हैं, प्रश्नोत्तर के रूप में गीत के बोल मुखरित होते हैं-
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जातक के भूत, भविष्य और वर्तमान की संपूर्ण जानकारी देने वाला यह ग्रंथ भृगु और उनके पुत्र शुक्र के बीच हुए प्रश्नोत्तर के रूप में है ।
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10. प्रश्नव्याकरण-ग्रंथ के नाम से तथा स्थानांग एवं समवायांग से प्राप्त इस श्रुतांग के विषयपरिचय से ज्ञात होता है कि इसमें मूलत: प्रश्नोत्तर के रूप में नाना सिद्धांतों की व्याख्या की गई थी।
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संत त्रिलोचन संत नामदेव के समकालीन थे क्योंकि ' ' आदिग्रंथ '' में दो ऐसे श्लोक (दोहे) संग्रहीत है जो प्रश्नोत्तर के रूप में है जिनमें त्रिलोचन प्रश्नकर्ता है और संत नामदेव प्रश्नों का उत्तर दे रहे है।
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मुकरी भी एक पकार की पहेली (अपन्हुति) है पर उसमें उसका बूझ प्रश्नोत्तर के रूप में दिया गया रहता है यथा-'ऐ सखि साजन ना सखि...।' इस प्रकार का एक बार का उत्तर देने के कारण इस तरह की अपन्हुति का नाम कह-मुकरी पड़ गया।
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कामर्शियल ब्रेक लंबा खिंचता पर ' भ्रष्टाचार कार्यशाला'का समय हो चुका था.कार्यशाला में जिज्ञासुओं कि शंकाओं का समाधान होना था.शंका समाधान प्रश्नोत्तर के रूप में हुआ.कुछ शंकायें और उनके समाधान निम्नवत हैं:-सवाल:गतवर्ष की अपेक्षा भ्रष्टाचार में पिछङने के क्या कारण हैं?आपकी नजरों में कौन इस पतन के लिये जिम्मेंदार है?