प्रागैतिहासिक मानव के मूल रूप में गुफा भित्तियों पर चित्रकला के जो बीज उकेरे थे उनमें ` सीधी, तिरछी या आड़ी रेखाएँ, त्रिकोणात्मक आकृतियाँ थीं।
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जैसा देखा, वैसा बनाया संस्था के अनुसार प्रागैतिहासिक मानव अपने आस-पास नजर आने वाली चीजों को ही पहाड़ों की गुफाओं, कंदराओं में पत्थरों पर उकेरते थे।
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विजयगढ़ के पास गुफ़ाओं और चट्टानी आश्रय स्थलों में अनगढ़ चित्रकारी और पत्थर से बने औ¬ज़ारों के रूप में प्रागैतिहासिक मानव के रोचक स्मृति चिह्न मिले हैं।
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यह प्रभावशाली और महत्वपूर्ण संग्रह जल्दी ईसाई युग से प्रागैतिहासिक मानव विकास के 4000 से अधिक वर्षों के दिखाता है और हमारे शिक्षण में एक अभिन्न भूमिका निभाता है.
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वैज्ञानिकों का मानना है कि आखरी हिमयुग के दौरान प्रागैतिहासिक मानव पृथ्वी पर घूमा करते थे जबकि इसी समय आधुनिक मानव पत्थर के उन्नत औजार, आभूषण और कला क.
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अब वैज्ञानिक जगत में यह माना जाता है कि साढ़े पाँच सौ साल पहले समुद्र के जरिए बड़े पत्थरों को लाकर प्रागैतिहासिक मानव ने यह करामात खड़ी की.
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कई संस्कृतियों में उनकी पौराणिक कथाओं में प्रागैतिहासिक मानव बलि के निशान देखने को मिलते हैं, लेकिन उनके ऐतिहासिक अभिलेखों की शुरुआत से पहले यह सब समाप्त हो चुका था.
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यह प्रभावशाली और महत्वपूर्ण संग्रह जल्दी ईसाई युग से प्रागैतिहासिक मानव विकास के 4000 से अधिक वर्षों के दिखाता है और हमारे शिक्षण में एक अभिन्न भूमिका निभाता है....
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कई संस्कृतियों में उनकी पौराणिक कथाओं में प्रागैतिहासिक मानव बलि के निशान देखने को मिलते हैं, लेकिन उनके ऐतिहासिक अभिलेखों की शुरुआत से पहले यह सब समाप्त हो चुका था.
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यदपि नवीनतम शोध से यह स्थापित हो चुका है कि प्रागैतिहासिक मानव शाकाहारी भी था, तथापि आदिमानव अपनी आदिम असभ्य आदतों को सुधार कर ही सभ्य अथवा सुसंस्कृत बना है।