| 21. | और प्लुत में तीन मात्रा अर्थात् सामान्य से तीन गुना समय लगता है।
|
| 22. | अकार को अक्षर, उकार को स्वरित और मकार को प्लुत कहा गया है।
|
| 23. | ५. प्लुत वर्ण: अति दीर्घ उच्चार, मात्रा ३-ॐ, ग्वं आदि।
|
| 24. | अमूल्य सत्संग अनमोल सत्संग: ॐ ॐ हरि ॐ.... प्लुत गुंजन.......
|
| 25. | और प्लुत में तीन मात्रा अर्थात् सामान्य से तीन गुना समय लगता है।
|
| 26. | यह ' ओ ' की प्लुत (अति दीर्घ) ध्वनि का स्वरूप है।
|
| 27. | प्लुत का `३ ' चूहा है. गणेश की कल्पना आरम्भ में` विघ्नेश' के रूपमें स्थापित हुई.
|
| 28. | ह्रस्व, दीर्घ, और प्लुत के नियंता तथा विसर्ग सहित वर्ण स्वरुप, अनुस्वार है.
|
| 29. | स्वरित तीन भेद से अकार के ही ह्रस्व, दीर्घ, प्लुत भेद से 9 भेद हो जाते हैं।
|
| 30. | प्लुत तथा दीर्घ मात्राओं का स्थितिकाल क्रमश: संक्षिप्त होकर अंत में एक मात्रा में पर्यवसित हो जाता है।
|