केसर दोहरे बदन की स्त्री थी, यौवन बीत जाने पर भी युवती, शौक-सिंगार में लिप्त रहने वाली, उस फलहीन वृक्ष की तरह, जो पतझड़ में भी हरी-भरी पत्तियों से लदा रहता है।
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हिंदी में भावार्थ-निर्धन पुरुष को वैश्या, पराजित और शक्तिहीन राजा को प्रजा, फलहीन वृक्ष को पक्षी जिस तरह त्याग देते हैं उसी तरह भोजन करने के बाद अतिथि को गृहस्थ का त्याग कर देना चाहिये।
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ऐसे जीवन भले ही बाहर से हरे-भरे, खूबसूरत और प्रभावशाली हों, बु द्धि और ज्ञान से परिपूर्ण हों किन् तु आत्मिक रूप से फलहीन होने के कारण परमेश् वर के राज् य के योग् य नहीं।
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जो कोई दाखलता से जुड़ा रहकर भी फलहीन हो या दूसरे फल लगें तो फिर उसका जुड़ाव दाखलता से नहीं और डाली अलग हो जाए तो सूखी लकड़ी से ज् यादा कुछ नहीं, जिसका अंत आग में झोका जाना है।
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फेदेरिको गार्सिया लोर्का की कविताओं / गीतों के अनुवाद की ये तीसरी किस्त......... नारंगी के सूखे पेड़ का गीत लकड़हारे मेरी छाया काट मुझे खुद को फलहीन देखने की यंत्रणा से मुक्त कर! मैं दर्पणों से घिरा हुआ क्यों पैदा हुआ?
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उपवन का माली तीन बर्षो तक फलों की प्रतीक्षा करने के पश् चात भी फल न पाने के कारण जिस प्रकार क्रोधित होता है उसी प्रकार हम विश् वासियों का फलहीन जीवन भी परम पिता के दुःख शोक और क्रोध का आधार बनता है।
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यदि न्यायालय के यह ध्यान में लाया जाता है कि किसी अपराध में अनुसंधान जिस प्रकार से होना चाहिए उस तरह नहीं हो रहा है तो अनुसंधान एजेन्सी को न्यायालय द्वारा निर्देश दिया जाये कि निर्धारित दिशा निर्देशों के अनुरूप अनुसंधान हो अन्यथा अनुसंधान का उद्देश्य फलहीन हो जायेगा।
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यदि न्यायालय के यह ध्यान में लाया जाता है कि किसी अपराध में अनुसंधान जिस प्रकार से होना चाहिए उस तरह नहीं हो रहा है तो अनुसंधान एजेन्सी को न्यायालय द्वारा निर्देष दिया जाये कि निर्धारित दिषा निर्देषों के अनुरूप अनुसंधान हो अन्यथा अनुसंधान का उद्देष्य फलहीन हो जायेगा।
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आप इस धारणा है कि सैन्य खतरनाक फलहीन अभियानों क्या तब ज्ञात दुनिया या शायद इस सिद्धांत है कि रोमन समाज केवल अपने स्वयं के अतिरिक्त और पतन के साथ फूला हुआ हो गई थी के साथ आयोजित हो गया था भर में बिखर की संख्या के आधार पर से बढ़
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बदलू की आँखों से अविरल अश्रुधारा बह रही थी-कहाँ गए? कब गए? एक प्रकार से उसे हिला-हिलाकर सुशील ने झिंझोड़कर रखा दिया था, पर फलहीन ठूँठ वृक्ष-सा बदलू हिलाए जाने पर भी फल कैसे गिरा सकता था? गूँगी जिह्ना को बड़ी चेष्टा से हिलाकर उसने कहा, 'पफ पफ'।